Tuesday, April 28, 2009

उपलब्धियां

1997 में नागपुर में South Central cultural Zone की नेशनल कार्टून वर्कशॉप में मप्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। कार्टून जगत के पितामह आरके लक्ष्मण साहब से पहली बार मुलाकात।

1997 भोपाल-- First Solo Cartoon Exhibition -- उद्घाटन -- श्री आरके लक्ष्मण।

2000-- भोपाल-- दूसरी Solo Cartoon Exhibition -- उद्घाटन -- श्री आरके लक्ष्मण।

2002 भोपाल --नेशनल कार्टून वर्कशॉप का कॉर्डिनेशन किया।

2003 भोपाल ---तीसरी Solo Cartoon Exhibition -- उद्घाटन -- चाचा चौधरी पिंकी और साबू के जन्मदाता मशहूर कार्टूनिस्ट प्राण।

कार्टून का सफर

1989 पढ़ाई के साथ ग्वालियर से प्रकाशित होने वाले स्वदेश अखबार में नियमित कार्टूनिस्ट।

1996 भास्कर ग्रुप के दैनिक नेशनल मेल से अंग्रेजी अखबारों में कार्य शुरू किया।

1998 अंग्रेजी अखबार क्रॉनिकल में कार्य प्रारंभ किया।

2004 में दैनिक जागरण में पहुंचा।

2005 दैनिक भास्कर में काम शुरू किया जो अभी तक निरंतर जारी है..अंतत: बीस साल इस धंधे में कट गए हैं। देखना है कितने और कटेंगे?

6 comments:

  1. Good Bhai HariOm ji,Aapka har kartoon majedar hai.I am here at REwA mp so can communicate to u easily.
    Where are u nowadays?keep your spirit up.
    Thankfully yours
    Dr.Bhoopendra

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  2. मेरी मेल पर अपना डाक पता भेजे अपनी दोहा सत-सई [हरियाणवी भाषा में] भेजूंगा-आपको कार्टूनों के विषय मिलेगे नमूना देखें

    बीर-मरद मेम हो रही एकै बस तकरार
    घर का मालिक कूण सै,जिब तन्खा इकसार
    श्याम सखा श्याम

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  3. Majedar kartoon banate ho tiwariji bahut achha laga

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  4. Cartoon is a powerful term of journalism,u can comment on any one very easily.

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  5. हरिओम साहब, आज आपके ब्लॉग पर आकर बहुत ही मज़ा आया. आपके कार्टून्स पत्र-पत्रिकाओं में बराबर देखा करता था. मै रूचि होते हुए भी कोई खास उल्लेखनीय काम नहीं कर पाया हूँ. काम-काज के बीच यह सब भी जारी है. ब्लॉग के मध्यम से एक नया प्लेटफ़ॉर्म मिल गया है. शौकिया ही आड़ी-तिरछी लकीरे खींचता रहता हूँ. कभी वक्त निकलकर तशरीफ़ लाये, मार्गदर्शन दे, तो ख़ुशी होगी. प्रतीक्षा में,

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